किसी भी कार्य को पूरी समग्रता से करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि जब भी हम कोई बड़ा कार्य पूरी निष्ठा से करते हैं तो उससे हमारा अंतःकरण पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है।उस कार्य का फल तो सकारात्मक होना ही है।